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Map
Detailed Information
  • Place Types Synagogue
  • Address Kathalbari, Darbhanga, Bihar 846008, India
  • Coordinate 26.1665317,85.8998881
  • Website Unknown
  • Rating 4
  • Compound Code 5V8X+JX Darbhanga, Bihar, India
Openning hours
  • Monday Open 24 hours
  • Tuesday Open 24 hours
  • Wednesday Open 24 hours
  • Thursday Open 24 hours
  • Friday Open 24 hours
  • Saturday Open 24 hours
  • Sunday Open 24 hours
Photos
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Nargona Palace
Reviews
Rakesh Ranjan (04/10/2021)
One of the Dream palace of Royal commoner Darbhanga Maharajadhiraj. Nargauna Palace is anti earthquake structured heritage. Completely White marbles are used to make this. It's architecture will hypnotize you. This palace has many historical contribution to the state and India's government.nAt present, this is under control of state government through L.N.Mithila University. Currently in its building there are many PG departments are organising.
Saloni Jha (12/03/2020)
U can get the best view of city here. It's a educational place but accessible for the normal citizen also. Good place to hangout but maintain the dignity.
eshom srivastava (10/13/2020)
Nargona Palace is situated at Darbhanga in State of Bihar, India. This Palace was the last royal Brahmin palace to be built in Raj Darbhanga.nThe city of Darbhanga was one of the major cities to be destroyed in the 1934 Nepal- Bihar Earthquake that rocked northern part of Bihar. Almost the entire city had been destroyed. The Palaces in Darbhanga also suffered major damage. Moti Mahal Palace was entirely destroyed in earthquake. Anand Bagh Palace and Ram Bag Palace were severely damaged and were rebuilt after the earthquake. Maharaja Kameshwar Singh of Darbhanga then decided to build a new Palace with the best earthquake resistant technology available at that time.nThe Palace incorporated the best earthquake resistant features when built and its ability to withstand earthquake was demonstrated in 1988 when another earthquake rocked Bihar. It is probably the first building in India to incorporate earthquake resistant technology.nThe palace is a simple looking building with no outstanding features. The thrust being on building's ability to withstand major earthquake, no unnecessary features to beautify the building were added. A first time visitor, expecting to see a beautiful looking Palace, would be greatly disappointed in looking at a plain but massive building.nThe Palace along with its surrounding garden, orchards, etc. as well as Head Office building of Raj Darbhanga was donated in 1972 to Government of Bihar for establishing a University. Now Lalit Narayan Mithila Univeris beneficiary of donation and functions from these buildings.nकहने को यह भारत के सबसे अमीर जमींदार का आखरी महल है, लेकिन हिंदुस्तान  को इसने बहुत कुछ पहली बार दिखाया। यह भारत का पहला भूकंपरोधि महल है। डच वास्‍तुशैली में बने इस महल को प्रसिद्ध वास्‍तुकार सह अभियंता फेलचर, हेय और रिड ने सामूहिक रूप से किया था। महाराजा कामेश्‍वर सिंह ने इसका निर्माण 1934 में आये भूकंप के बाद क्षतिग्रस्‍त छत्र निवास पैलेस के स्‍थान पर कराया था। इस महल में एक भी ईंट का प्रयोग नहीं हुआ है।nयह पूरा महल सीमेंट के मजबूत खंभों और दीवारों से बना है। यह भारत का पहला महल है जो पूर्णत: वातानुकुलित था। यह देश का इकलौता पैलेस है, जिसके परिसर में रेलवे स्‍टेशन है। इस पैलेस की सबसे बडी खूबी इसका डिजाइन है, यह तितली जैसा है। जिसके तहत यह दो दिशाओं से देखने में एक समान लगता है और हर कमरा सीधा सामने की ओर खुलता है। 1941 में तैयार हुए डज वास्‍तुशैली के इस 89 कमरोंवाले दो मंजिले पैलेस में कुल 14 महाराजा सूट है, जो विभिन्‍न राज्‍यों के स्‍थापत्‍य शैली से सुसज्जित है। इन सूइट में एक नेपाल के राजा का भी है, जिसमें नेपाल नरेश त्रिभुवन रात गुजार चुके हैं। कहा जाता है कि नेपाल नरेश देश की सीमा के बाहर रात नहीं गुजारा करते थे। पहली बार नेपाल के किसी राजा ने राज्‍य की सीमा के बाहर इसी महल में रात गुजारी थी। इससे पहले नेपाल के राजा रात अपनी सीमा में ही गुजारते थे। वैसे बीकानेर केे महाराजा गंगा सिंह इस महल में ठहरनेवाले पहले राज अतिथि थे। वो 1939 में दरभंगा प्रवास के दौरान इसी महल में ठहरे थे।nदो लिफ्ट की सुविधावाले इस महल में पहली बार प्‍लास्‍टर आफ पेरिस का प्रयोग हुआ था। इटेलियन मारवल, चीनी मोहबनी (टीक) और बेलजियम ग्‍लास से बने इस महल को बिहार का व्‍हाईट हाउस भी कहा जा सकता है। कई प्रकार के कमरोंवाले इस महल में उत्‍तर भारत का इकलौता बॉल डांस हॉल है, जिसमें आवाज की गूंज राष्‍ट्रपति भवन के अशोक हॉल से भी कम है। इस महल में दो तरणताल हैं, जिनमें से एक गरम पानी वाला तरणताल पैलेस के अंदर है और वह बिहार का पहला तरणताल है। इस तरणताल में जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह और नेपाल के राजा त्रिभुवन समेत कई एतिहासिक हस्तियों के स्‍नान करने की बात कही जाती है। लांग टेनिस, बैडमिंटन से लेकर कई प्रकार के खेलों के लिए परिसर में आधारभूत संरचना बनायी गयी हैं। इसके अलावा एक जैविक उद्यान भी, जिसको दुनिया के प्रसिद्ध बागवान चाल्‍स मैरीज की देख रेख में छत्र विलास पैलेस के दौरान ही विकसित किया था। इसमें करीब 40 हजार पेड लगे थे। चंदन समेत कुछ ऐसी प्रजातियों के पेड भी यहां लगोय गये, जो बिहार ही नहीं अपितु एशिया में केवल यहीं थे। इन पेडों को लगाने के लिए न केवल बाहर से पौधे मंगाये गये बल्कि बाहर से माटी भी मंगायी गयी। इस महल के पास एक और रिकार्ड है, वो यह है कि भारत के राष्‍ट्रपति राज्‍य के अतिथि होते हैं।nSo must visit and enjoy....
Ashu Jha (05/04/2021)
Feel the freshness of air.
Dheeraj Madhuranjan (11/24/2020)
This building structure is unique, seems entrance from all 4 sides.
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